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सनकी पार्ट 3

"कचरा मैदान से सारा कचरा, साफ करना चाहता हूं, शहर नियोजन, नीति के अनुसार, शहर का सारा कचरा, शहर से बाहर फेंका जाना चाहिए पर हमारे शहर का सारा कचरा, शहर के बीचो-बीच इकट्ठा किया जा रहा है, इसी कारण, शहर का पानी और हवा प्रदूषण हो रही है और मनुष्य की औसत आयु बहुत तेजी से घट रही है, शहर के बीचो-बीच पड़े, इस कचरे के परमाणु बम से इस शहर का हर व्यक्ति प्रभावित है और खासकर वह लोग, जिन्होंने कचरा मैदान पर अपना घर बना रखा है,एक खास बात ओर, वहां सिर्फ शहर का कचरा, इकट्ठा नहीं किया जा रहा है, शहर की 200 फैक्ट्री का खराब मलबा, केमिकल और यहां तक लैट्रिन तक, वहां इकट्ठी की जा रही है, अगर ऐसा ही चला रहा तो 20 साल के अंदर-अंदर यह शहर श्मशान बन जाएगा"! शिवा ने कहा

"आई,सी, यह तो बहुत ही सीरियस मैटर है और इसमें पॉलिटिक्स भी इंवॉल्व है, इसीलिए यह गोरख धंधा चल रहा है, तुम एक बात अच्छे से समझ लो, यह करना इतना आसान नहीं है, जितना तुम समझ रहे हो, तुम जलती आग में हाथ डाल रहे हो, शिवा"! कलेक्टर ने कहा

"मुझे, अपनी जान की फिक्र नहीं है, मां ने कहा था, कभी गलत काम मत करना, तो अब मैं, कुछ गलत होने भी नहीं दूंगा"! शिवा ने कहा

"ठीक है, मैं आज शाम, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बात अनाउंस कर देती हूं और इसकी सूचना, हाई कोर्ट को दे देती हूं, हाई कोर्ट का आर्डर आने तक, तुम्हें बहुत संभल कर रहना होगा, क्योंकि तुम, उन सब के जानी दुश्मन बन गए हो, जो इस गोरख धंधे में शामिल है, इसमें तुम्हारी जान भी जा सकती है"! कलेक्टर ने कहा

"इस दुनिया में एक दिन तो मरना ही है पर जो अच्छा करके मरते हैं, उस मौत में अलग बात होती है"! शिवा ने कहा "ठीक है, मैं, तुम्हारी पूरी मदद करूंगी"! कलेक्टर ने कहा

शिवा ने ऑफिस से बाहर आकर, अपना फोन चालू किया और उसके पास सोनिया का फोन आया -"कहां हो तुम, और उज्जैन क्यों गए थे"? "मां की आत्म शांति कराने गया था"! "अभी कहां हो"? "घर जा रहा हूं"! "तुम सीधे, मेरे घर आओ, मैंने हमारे रिश्ते के लिए पापा को मना लिया है, वह तुमसे मिलना चाहते हैं"! "पापा से कल मिलूंगा, आज जरूरी काम है"! "कल कभी नहीं होता है, जो भी होता है, आज होता है, तुम, मेरे लिए इतना भी नहीं कर सकते"! "मेरी जिंदगी में तुम्हारे सिवा ओर कौन है"? "तुम्हारे लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हूं"! "तो ठीक है, तुम मेरे घर पहुंचो, मैं मंदिर से घर आ रही हूं"! "ठीक है"! शिवा ने कहा

फिर सोनिया भगवान से प्रार्थना करती है -"भगवान"! आपने मेरी हर विश पूरी की है, आज मेरा शिवा, मेरे पापा से मिलने आ रहा है, उन्हें शिवा पसंद आ जाए, बस यही मांगने आई हूं"!

उधर शिवा सोनिया के घर पहुंचता है -"कौन हो तुम, अंदर कैसे आए"? सोनिया के पिता ने शिवा से कहा "सर"! "मुझे, सोनिया ने भेजा है, मेरा नाम शिव पटेल है"! "ओह, तो वह तुम हो, सोनिया तो बता रही थी, तुम बहुत पढ़े लिखे हो पर तुम शक्ल से किसी झोपड़पट्टी से भीख मांगने वाले लग रहे हो"! पिता ने कहा "बिल्कुल सही पहचाना, आपने, मैं झोपड़पट्टी में ही रहता हूं पर भीख नहीं मांगता हूं, अपनी मेहनत से कमा कर खाता हूं"! शिवा ने कहा "तुमने, मेरी सीधी शादी लड़की को चिकनी-चुपड़ी बातें कर, अपने जाल में फंसा लिया, इसे तुम, अपनी मेहनत की कमाई कहते हो, तुम्हें शर्म नहीं आती है, बताओ, मेरी बेटी की जिंदगी से जाने की क्या कीमत लोगे"? "आप, अपनी बेटी की शादी मुझसे कराने की क्या कीमत लोगे"? शिव ने कहा "अरे तेरे पास है क्या, 10 बाय 10 की खोली, मेरी बेटी महलों की रानी है, तू उसे यह सब दे पाएगा, जो मैंने दिया है, तेरी छोटी सी खोली में जी घुठेगा उसका"! पिता ने कहा "हमारी सच्ची मोहब्बत को हैसियत के तराजू में मत तोलिए, "सर!"!"शायद आपको पता नहीं, आपकी बेटी का जी, आपके इस आलीशान घर में घुटता है, इसीलिए उसने, मेरी छोटी सी खोली को चुना है, क्योंकि आपने उसे दौलत तो बहुत दी, पर कभी प्यार नहीं दिया, इसीलिए वह, आपकी दौलत को ठुकरा कर, मेरे प्यार को अपनाएगी"! शिवा ने कहा "लोग आंखें बंद कर सपने देखते हैं, तू खुली आंखों से A देख रहा है, मेरी बेटी से तेरी शादी, इस जन्म में तो क्या सात, जन्मों में भी नहीं होगी"! पिता ने कहा "आपकी बेटी, मेरी जिंदगी है, मैं उसके बिना जिंदगी के बारे में सोच भी नहीं सकता हूं, आपके हाथ जोड़ता हूं, मेरी जिंदगी मुझे दे दो, "सर"! शिवा ने हाथ जोड़ते हुए कहा "तू, मेरे हाथ जोड़, पांव पड़ या भीख मांग, मेरी बेटी कोई खैरात नहीं है, जो तेरे जैसे-भिखारी को दे दूं, सोने की घड़ी महलों में अच्छी लगती है, झोपड़पट्टी में नहीं"!

"मैं, आपका दिल दुखा कर, सोनिया को पाना नहीं चाहता हूं, अगर मैंने एक इशारा कर दिया तो आपकी बेटी आपकी चौखट लांघ जाएगी"! "आ गया, अपनी असली औकात प,र यह धमकियां काम नहीं आने वाली है, "जगदीश तेजा"! "नाम है मेरा, तेजाब से मत खेलो, जल जाओगे,अगर अब कभी, मेरी बेटी के नजदीक भी दिखे, तो तुम्हारी बस्ती और हस्ती दोनों में आग लगा दूंगा"! 'भगवान ने आपको बाप बनाया है, बाप बनकर, अपनी बेटी की खुशी, उसे दे दो, नहीं तो अपनी बेटी की नफरत, तुम्हें जरूर जला देगी, उस दिन तुम्हें पिता होने पर अफसोस होगा"! शिवा ने कहा

"मुझसे जुबान लड़ाता है"! तमाचा मारते हुए कहा "सर"! "अपने हाथों को अपने काबू में रखो, हाथ मेरा भी उठ सकता है"! शिवा ने कहा "दो कौड़ी के फटीचर, तेरी औकात क्या है"? "तू, मुझ पर हाथ उठाएगा"! फिर हाथ उठाते हुए कहा तभी सोनिया उसके पिता का हाथ पकड़ती है और कहती है -"पापा"! "मैंने सब देख और सुन लिया है, यह क्या लगता है, आपका"? "कुछ भी नहीं, फिर भी इसने, आपके हाथ का चांटा खाया, सिर्फ मेरे लिए,,आप क्यों हमारे, गहरे प्यार को समझ नहीं पा रहे हो, हम दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं जी सकते हैं, आप यह जीद छोड़ दीजिए"! सोनिया ने समझाते हुए कहा "जीद मैं कर रहा हूं या तुम कर रही हो, अरे,,,मैंने, तुम्हारी हर जीद, शान से पूरी की, कभी सही-गलत नहीं सोचा, पर मैं कैसे, अपनी बेटी का हाथ ऐसे हाथो में दे दूं, जिसका ना तो घर बार का ठिकाना है, ना खानदान का पता है, लोग हसेंगे मुझ पर"! पिता ने कहा "आपको, लोगों की हंसी की परवाह है पर अपनी बेटी की खुशी की परवाह नहीं है"! "हां,,,नहीं है, मैं, तुम्हें अपने हाथों से जहर नहीं दे सकता"! पिता ने कहा "अगर आपको मेरी खुशी की परवाह नहीं है तो मुझे भी आपकी यह झूठी शान की परवाह नहीं है, मैं जा रही हूं, अपने शिवा के साथ"! सोनिया ने कहा "अगर तुमने इस घर के बाहर कदम रखा, तो"! पिता ने धमकी देते हुए कहा "तो,,क्या कर लोगे आप"? सोनिया ने पूछा "मैं इस चाकू से अपने हाथ की नस काट कर, अपनी जान दे दूंगा"! पिता ने कहा

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2 Comments

hema mohril

26-Sep-2023 01:54 PM

Awesome

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Gunjan Kamal

25-Sep-2023 10:32 AM

👌👏

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